एक एक्शन पैक्ड मूवी जो 3 महीने जितनी लंबी हो उसे आप क्या कहेंगे?
15 तारीख़ को मेरे अफ्रीका से लौटे हुए 3 महीने पूरे हो जाएंगे और उसके साथ ही एक अनाउंसमेंट होने वाला है।
ये 3 महीने कैसे रहे?
सोचिए, अगर कोई एक्शन-पैक्ड मूवी 90 दिन तक चले तो? कुछ ऐसा ही था -
✈️ लगातार ट्रैवलिंग
🤝 ढेर सारी मुलाकातें
😂 ढेर सारी मस्ती (बारिश में बाइक राइड्स से लेकर कुछ वीडियोज़ से सबको हल्का डराने तक)
🤔 गहरे चिंतन और 💡 जबरदस्त लर्निंग
पहला महीना: "क्लीनअप मोड"
सूरत की ऑफिस में बैठकर एक-एक पाप धोया।
पुराने ईमेल्स, रिप्लाईज़, बैकअप,
LinkedIn के सारे unread messages क्लीयर किए।
नतीजा?
सीमेंट इंडस्ट्री के प्रोफेशनल्स और प्लांट सप्लायर्स का एक दमदार डेटाबेस तैयार।
दूसरा महीना: "डिजिटल रिवाइवल"
5 साल से सोई हुई सारी वेबसाइट्स को जगाया।
Inbox में बाढ़ आ गई।
अब उन सबका री-डेवलपमेंट भी पाइपलाइन में।
क्लाइमैक्स: "Monk-mode"
अहमदाबाद के एक अपार्टमेंट की टॉप फ्लोर पर खुद को कैद कर लिया।
और वहीं से शुरू हुआ असली खेल -
पहले किया revision → HTML, CSS, JavaScript, MySQL
फिर ज्वाइन किया एक Online Course
रोज़ 2–3 घंटे पढ़ाई + उसी की प्रैक्टिस
बाकी वक्त → SOPs बनाने में
घर से सिर्फ दिन में 2 बार बाहर निकलना - खाना खाने के लिए।
बाकी टाइम? Full throttle learning.
बस, ट्रेन, होटल रूम, यहाँ तक कि under-construction ऑफिस...
कोर्स कहीं रुका ही नहीं।
और अब…
उस कोर्स का नाम तो नहीं बताऊँगा लेकिन उसकी tagline इतनी किलर है कि खुद ही सब कह देती है:
👉 “Become the Most Dangerous Person in the Room.”
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आने वाले 15 तारीख को एक बड़े अनाउंसमेंट के साथ मेरे अफ्रीका से आए हुए 3 महीने खत्म होंगे।
यह 3 महीने कुछ खास रहे।
एक एक्शन पैक्ड मूवी जो 3 महीने जितनी लंबी हो उसे आप क्या कहेंगे?
ढेर सारा ट्रैवलिंग, ढेर सारी मुलाकातें, ढेर सारी मस्ती [बारिश में बाइक पे घूमते हुवे और बाकी कुछ वीडियो से थोड़ा डरा भी दिया सबको] ढेर सारा चिंतन, ढेर सारा लर्निंग।
और यह लर्निंग भी कैसा?
पहले एक महीना तो सूरत की ऑफिस में बैठकर पुराने जितने पाप थे उसको धोने का काम किया।
सारे ईमेल अकाउंट्स का रिव्यू , सबको रिप्लाई देना, कॉन्टेक्ट्स का बैकअप लेना। लिंकडइन पर सारे अनरीड मैसेज को रिप्लाई देना।
इसके जरिए मेरा सीमेंट इंडस्ट्री के प्रोफेशनल्स का और सीमेंट प्लांट के सप्लायर का एक जबरदस्त डेटाबेस बन गया है।
अब आगे बढ़ते हैं। मेरी 5 साल से सोई हुई सारी वेबसाइट्स को जगा दिया, अब इनबॉक्स में जैसे बाढ़ आ गई है। और अब उनका री-डेवलपमेंट भी होगा।
फिर आता है क्लाइमैक्स।
मैं चला गया Monk-mode में।
अहमदाबाद के एक बाहरी बिस्तर में बने हुए अपार्टमेंट के सबसे ऊपर की मंजिल पर खुद को कैद कर दिया और फिर शुरू हुआ लर्निंग का एक जबरदस्त फेज।
पहले तो रिवीजन किया: HTML, CSS, javascript & MySQL का।
और उसके बाद एक ऑनलाइन कोर्स ज्वाइन कर लिया।
रोज 2 से 3 घंटे का ऑनलाइन लर्निंग और फिर उसकी प्रेक्टिस।
साथ-साथ दिन का एक हिस्सा SOPs बनाने में।
घर से सिर्फ दो बार बाहर निकलना था खाना खाने के लिए और तभी बाकी काम भी खत्म कर लेना होता था।
इस दरमियान अगर ट्रैवेलिंग भी किया तो उसके दौरान भी कोर्स रुकेगा नहीं साला।
बस में, ट्रैन में, अंडर-कंस्ट्रक्शन ऑफिस में, होटल रूम में। हर जगह। हर वक़्त।
दोस्तों वह कोर्स क्या है उसका नाम तो मैं नहीं बताऊंगा लेकिन उस कोर्स की मार्केटिंग की पंच लाइन यह है: Become the Most Dangerous Person in the Room.
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